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घर्षणात्मक बेरोजगारी (Disguised Unemployment)
जब एक से अधिक लोग किसी ऐसे काम में लगे हों, जिसे कम लोग भी आसानी से कर सकते हैं, और अतिरिक्त लोगों के हटने से उत्पादन पर कोई असर न पड़े — तो उसे घर्षणात्मक बेरोजगारी कहते हैं। यह अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों और खेती-किसानी में देखने को मिलती है।
मुख्य कारण:
- खेती में जरूरत से ज्यादा लोग काम करना।
- शिक्षा और कौशल की कमी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में वैकल्पिक रोजगार का न होना।
- प्रौद्योगिकी की कमी या आधुनिक उपकरणों का अभाव।
उदाहरण:
रमेश के खेत में 6 लोग काम करते हैं, लेकिन असल में 3 लोग ही पर्याप्त होते। बाकी के 3 लोग अगर काम न करें, तो भी खेती पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ये 3 लोग "घर्षणात्मक बेरोजगारी" का उदाहरण हैं।
इसका असर:
- उपलब्ध मानव संसाधन का पूरा उपयोग नहीं हो पाता।
- देश की उत्पादकता पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- लोग गरीबी रेखा के नीचे ही बने रहते हैं।
क्या आप घर्षणात्मक बेरोजगारी में आते हैं?
अगर आप या आपके परिवार में कोई ऐसा है जो बिना ज़रूरत के काम में लगा है, तो नीचे दिए गए फॉर्म को भरें: