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स्वैच्छिक बेरोजगारी (Voluntary Unemployment)
जब कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से काम नहीं करता, जबकि उसे काम मिल सकता है, तो उसे स्वैच्छिक बेरोजगारी कहा जाता है। इसमें व्यक्ति खुद नौकरी न करने का निर्णय लेता है, जैसे पढ़ाई करना, आराम करना, या किसी और कारण से काम न करना।
मुख्य कारण:
- बेहतर नौकरी या अवसर की प्रतीक्षा करना।
- अपनी इच्छा से काम न करना (जैसे गृहिणी होना या पढ़ाई करना)।
- कम वेतन या काम की शर्तों से संतुष्ट न होना।
- स्वास्थ्य या पारिवारिक जिम्मेदारियाँ।
उदाहरण:
अनीता ने अपनी पुरानी नौकरी छोड़ दी क्योंकि वह अब फुल-टाइम पढ़ाई करना चाहती है। उसे नौकरी मिल सकती थी, लेकिन उसने खुद निर्णय लिया कि वह कुछ समय तक काम नहीं करेगी। यह "स्वैच्छिक बेरोजगारी" है।
इसका असर:
- देश की कार्यबल में अस्थायी गिरावट आ सकती है।
- व्यक्ति पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है।
- अगर बड़ी संख्या में लोग स्वेच्छा से काम छोड़ें तो उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
क्या आप स्वैच्छिक बेरोजगारी में हैं?
अगर आप अपनी मर्जी से काम नहीं कर रहे हैं और अभी बेरोजगार हैं, तो नीचे दिए गए फॉर्म को भरें: