चक्रीय बेरोजगारी
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चक्रीय बेरोजगारी (Cyclical Unemployment)

चक्रीय बेरोजगारी तब होती है जब देश की आर्थिक स्थिति (इकोनॉमी) कमजोर होती है और व्यापार, उत्पादन, और सेवाओं में गिरावट आती है। इस दौरान कंपनियाँ लागत कम करने के लिए कर्मचारियों को निकाल देती हैं, जिससे बेरोजगारी बढ़ जाती है।

मुख्य कारण:

  • मंदी (Recession) के समय उत्पादन में कमी।
  • बाजार में मांग घटने पर कंपनियों का घाटा।
  • महंगाई या आर्थिक अस्थिरता।
  • बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी।

उदाहरण:

कोरोना महामारी के समय देश में आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो गई थीं। कई कंपनियों ने कर्मचारियों को निकाल दिया क्योंकि उनका बिजनेस घाटे में जा रहा था। इस कारण लाखों लोग नौकरी से हाथ धो बैठे। यह एक चक्रीय बेरोजगारी का उदाहरण है।

इसका असर:

  • लाखों लोगों की नौकरी चली जाती है।
  • गरीबी और मानसिक तनाव में बढ़ोतरी।
  • देश की आर्थिक प्रगति धीमी हो जाती है।

क्या आप चक्रीय बेरोजगारी से प्रभावित हैं?

यदि आपकी नौकरी मंदी या आर्थिक गिरावट के कारण गई है, तो नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके फॉर्म भरें:

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